क्रम संख्या
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रचना
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राग
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ताल
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पृष्ठ
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Audio Sample
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1
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पनियां भरन कैसे जाऊं दई री
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पीलू
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बरवा
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5
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2
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लंगरार्इ अब छांड़ो मोहन मोसे
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सुधरर्इ कान्हड़ा
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त्रिताल
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5
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3
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अब मैं कैसे निकसूं मगवा, घट फोड़ देत नटखट, ठाड़ो ही रहत नित प्रति पनघट
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पूरिया
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त्रिताल
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5
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4
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निपट निडर दधि की मटकी पटकी, बीच डगर कर पकर मोर
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परज
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त्रिताल
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5
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5
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पनियां भरन कैसे जाऊं
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पीलू
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त्रिताल
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5
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6
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छीन लर्इ गारी दर्इ, बीच डगर मग रोकत, देखो दधि की मटकी मोरी
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तिलक कामोद
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त्रितंल
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5
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7
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किन लर्इ, किन लर्इ वीर, मेरी इंडवी, मैं अब ही पनघट धरी
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तिलक कामोद
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त्रिताल
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5
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8
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कर न गहो, कर न गहो, रे कर न गहो जू न डरत नन्द लाल बाल
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शोरठ मल्हार
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5
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9
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बरज रही, बरज रही री तोहे बरज रही रे, जिन मग अटक
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सोरठ मल्हार
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दादरा
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5
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10
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मोरी कलार्इ डगर चलत मुरकार्इ
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हम्मीर
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आड़ा चौताला
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5
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11
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हटो जिन बिहारी मेरा कर पकरो
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सिंध काफी
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आड़ा चौताला
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5
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12
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संग न सहेली, जान अकेली, मोहि मग घेरी ए सांवरिया
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काफी
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त्रिताल
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5
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13
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अचरा पकर लेत, झगरो करत नित, डरत न काहू के डर, कैसे जल भरिए
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जय जयवन्ती
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झपताल
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5
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Audio
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14
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जारे जारे हट जिनकर रे लंगर मैं तो तोहि जानूं
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भैरवी
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त्रिताल
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5
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15
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मेरी नर्इ चुरियां करकार्इ बीच डगर ढीठ लंगर, मैं आवत गागर सिरधर बैयां झटक
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छाया
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त्रिताल
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5
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16
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मेरी गैल गैल लागो छैल डोले री, न माने मेरी कुच मसकत
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सोहनी परज
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एक ताल
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5
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17
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मोसे मग चलत करत कान्ह झगरो
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धानी
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त्रिताल
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5
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18
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ले गयो जल भरत इंडवी वो नटखट, कैसे घर जाऊं धर सीस घट नीर को
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देसी कान्हड़ा
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त्रिताल
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5
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19
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ए मेरी गगरिया जी न छुओ सांवरियां, तोसे बार-बार कहत गर्इ हार
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खम्माज
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त्रिताल
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5
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20
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गोरस के मिस जो रस चाहत, सो रस जोग न तुम नंदवारे
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भूपाली
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त्रिताल
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5
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Audio
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21
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चल हट जा रे, मोसे काहे मग में करत ढिठार्इ, निपट निडर नटखट
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कान्हरा
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पंचम सवारी
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5
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22
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लागौ कैसौ दांव री, सजनी मोहन मोहि मग घेरी रे
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नट
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झपताल
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5
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23
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तेरी री कान्ह, निपट निडर नित मोसे करत बराजोरी
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कान्हरा
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पंचम सवारी
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5
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24
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कहूं तेरी ढिठार्इ निपट निडर कासे
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तिलंग
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तिताला
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5
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25
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ए बलि बलि जाऊं तोेरे, ए हो सांवरिया, मग भटकावों
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पूरिया
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तिताला
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5
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26
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मोसे प्यारे हट रार न कर
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काफी
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तिताला
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5
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27
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सगरे नगर धूम मची है, एक छोरा ठारो घाटबाट, रोकत टोकत
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भूपाली
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तिताला
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5
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28
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लागो री कान्ह संग नित डोलै, लाज की मारी न काहू संग कहूं री बात
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सोहनी
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5
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29
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मोरी कलार्इ जिन छुओ मैं दूंगी गारी, बीच डगर बरजोरी करत अनारी
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भैरवी
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त्रिताला
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5
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30
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कैसे जाऊं पनघट ए री बैरनियां
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माल सिरी
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आड़ा चौताला
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5
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31
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मोसे डगर करत छेर काहे को, जाने दे घर लंगर भर्इ जात अबेर
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सिंध काफी
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तिताल
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5
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32
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कैसी तू मोसे करत छेर बेर बेर, पनघट पै नित मग घेर घेर
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वागेश्वरी
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तिताला
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5
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33
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देखो मैको गारी दीनी, कैसी कीनी कन्हार्इ
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सिंधु काफी
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5
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34
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भरन पनघट आज अकेली, मैं गर्इ री प्यारी
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बागेश्वरी
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एकताल
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5
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35
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मोहे छैरा ने गैल जाने दे, तोरी विनती करती हारी
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भैरवी
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5
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36
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कर सों कर सों पकर मुरकार्इ बहियां मोरी रे
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विहाग
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तिताला
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5
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37
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मैं कैसे समझाऊ मेरी माने न सांवरिया
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काफी
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तिताला
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5
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38
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छोरा कारो ननदियां, मैं कैसे जाडं पनियां भरन , मग ठाडो
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पट
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5
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39
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तोहे न रोकत याहि न टोकत, मोही को छेरत माही
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पीलू
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दादरा
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5
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Audio
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40
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यै कैसो लागो फिरे गोहन, मेरे री मोहन नित मार्इ
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जौनपुरी
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झपताल
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5
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41
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काहे को सहेली अकेली जात पनघट
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सिंध काफी
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तिताला
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5
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42
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न जावो री पनिया भरन कोर्इ आज
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घनाश्री
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तिताला
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5
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43
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नित मोसे झगरो करत मग, कान्ह ठाडो देखो तो
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पीलू
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आडा
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5
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44
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कौन गांव मैं वास तिहारौ
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भीम पलासी
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तीन
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5
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45
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सुधरार्इ अब कहा करत लाडले, हंस हंस हम जान लर्इ तोरी ढिठार्इ
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माल गौरी
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5
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46
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मोरी मटकि पटक कर झटक गयो आज सांवरो
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मालकौंस
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झप
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5
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47
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आवत कान्ह मोरे घर ठठोरी करन, अब मैं कैसे वाहि बरजोरी आली
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भैरवी
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5
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48
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मेरी गगरिया नर्इ फोर दर्इ श्याम ने
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जै जैबन्ती
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तिताल
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5
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49
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ये मोसे तुम कैसो छल कीनो रे
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ललित
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तिताल
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5
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50
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तोहे गारी दूंगी रे
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भैरवी
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दादरा
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5
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51
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बरजो री मानै री कान्ह
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भैरवी
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तिताला
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5
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52
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सखी बाट मैं आज, नन्द लाल मोहि पकर
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भोपाली
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झपताल
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5
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53
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आज श्याम बाट में चलत, लो मोहि गारी देर्इ
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शोरठ
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दादरा
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5
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54
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नित मग करत मोसे रार
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विभास
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झुमरा
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5
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55
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सगरे नगर मै धूम मचार्इ, नंद लाल जसुधा के लाल ने
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बिहाग
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तिताल
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5
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56
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परे हट परे हट जारे जा जारे जा जारे, नंद के
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सुधरर्इ
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तिताला
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5
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57
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अंग लिपटत मोरे । डगर चलत नयो भयो
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संदूरा
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ध्रुपद (सूल की चलन)
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5
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58
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काहे को झगरत मोसे, मगडग चलत देत न डग लंगर
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मुलतानी
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धम्माल
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5
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