क्रम संख्या
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रचना
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राग
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ताल
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1
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निश दिन, कल न परत, तर्फत दर्शन बिन नैना
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शोरठ
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दादरा
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कल न परत एक पल देखे बिन सूरत तिहारी
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अड़ाना कान्हरा
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त्रितंल
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11
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3
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एक पलक, देख झलक, वा मनमोहन की
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हम्मीर
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झपताल
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11
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4
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पलकैं न खोलूं, अलकैं न बांधू
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विहाग
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झपताल
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11
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5
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द्वार पट ओट ठाड़ी तकत राह हरि
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हमीर
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झपताल
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11
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6
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दरस बिन मन बेकल
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शुक्ल बिलावत
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झपताल
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7
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तरसत दरसन बिन अंखियां ए री सजनी
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तिलक कामोद
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8
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लेख ना मिटत करम को री सजनी
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परदेव की
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तिताला या झपताल
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9
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तिहारे अति अनियारे नैन
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सिंध काफी
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10
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दर्शन बिन घरी पल छिन
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छाया नट
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एकताल
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11
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सांवरी सूरत मन बस गर्इ
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केदारा
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तिताला
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12
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ना जानूं टोना कैसो कीनो मोरी री इन
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शोरठ
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तिताला
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11
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13
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मन उरझाय गयो री
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विहाग
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तिताला
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11
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14
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डगर डगर नगर नगर भूली रे
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परज
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त्रिताल
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15
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जाने दे री पिया मिलन को मोहे आज
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विहाग
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तिताला
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16
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विरह दुख न मोसे सहो जात री
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पीलू बरूआ
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दादरा
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17
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एक पलक दिखा के झलक
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हमीर
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तिताला
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अंखियां तरसन हरि दर्शन को
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सोरठ
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त्रिताल
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19
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एक घरी एक पल छिन लो निशदिन
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पूरिया
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तिताला
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20
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देखों मैंको कल न परत प्यारे बिना
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सिंध भैरवी
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प्यारे तोरी चितवन, कैसी मोहनी डारी
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बिहाग
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तोरे दर्श देखे बिना, मोहे कल न परत
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खमाच
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सांवरी सूरत माधुरी मूरत, मेरी जब से ढीठ परी
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विहाग
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एक ताल
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नित वृन्दावत गलिन भोर, एक ग्वालन आवत
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हिंडोल
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झपताल
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ए सखी रैन दिन विरह की पीर में तन की न
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कान्हरा
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झपताल
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11
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सखी हरि बिन बरसन लागे नैन
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खम्माच धुन
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तिताला
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27
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प्यारी दर्श बिन मेरो तरसे री, मैं कैसी करूं मेरी आली
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काफी
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झप
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आज घनश्याम की वेणु कहीं बाजत री
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हमीर
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बिजुरी डरपावे ए सखि हरि बिन तरफ तरफ नींद न आवे
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जोग कौंस
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तिताला
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धरी धरी पल छिन परत न चैन मोहि
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तिलंग खमाच
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तिताला
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तरसत देखने को नैन भर भर आवत
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भीम पलासी
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धम्माल
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हमारे भाग तिहारे दर्शन पाये
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विहाग
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धम्माल
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33
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तरफत तरफत गर्इ रैन
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जै जैवन्ती
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धम्माल
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11
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34
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इन नैनन नहीं चैन रैन दिन
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मालकौंस
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तिताल
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11
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